“लोहारा में आस्था, सम्मान और संस्कृति का संगम – माँ आशापूर्णा चैत्र नवरात्रि महोत्सव उत्साहपूर्वक संपन्न”

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चोपडा ( मनिष प्र महाजन भाई कोतवाल रोड Mo. 9766143638 , 098508 65961) श्रद्धा, उल्लास, संस्कृति और सामाजिक एकता का प्रतीक माँ आशापूर्णा माताजी का पारंपरिक चैत्र नवरात्रि महोत्सव इस वर्ष भी पालीवाल समाज लोहारा द्वारा अत्यंत भव्यता और श्रद्धा के साथ 13 अप्रैल 2025, रविवार को विविध कार्यक्रमों के माध्यम से संपन्न किया गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को प्रगाढ़ करता है, बल्कि समाज के युवाओं को प्रेरणा, मार्गदर्शन और गौरव प्रदान करने का मंच भी सिद्ध हुआ।
महोत्सव का शुभारंभ माँ दुर्गा मंदिर से निकाली गई भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ, जिसमें समाजजन पारंपरिक परिधानों में ढोल-ताशों, भगवा ध्वजों और जयघोषों के साथ उत्साहपूर्वक सहभागी बने। यह शोभायात्रा मुख्य मार्गों से होती हुई शंकर भगवान मंदिर पर संपन्न हुई। सम्पूर्ण वातावरण में भक्ति की लहरें गूंज रही थीं, मानो देवी माँ स्वयं गाँव की गलियों में विराजमान हो गई हों।
महोत्सव का एक विशेष आकर्षण रहा – शैक्षणिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का सत्कार समारोह, जिसमें कक्षा आठवीं से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई कर रहे उन सभी विद्यार्थियों को सम्मानपत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए, जिन्होंने 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए। यह सराहनीय पहल समाज के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी। इस गरिमामयी समारोह के अध्यक्ष के रूप में श्री अनिलजी पालीवाल (चोपड़ा) उपस्थित रहे, जो कि महाराष्ट्र पालीवाल समाज के महामंत्री एवं वरिष्ठ पत्रकार के रूप में प्रतिष्ठित हैं।अपने अध्यक्षीय संबोधन में अनिलजी पालीवाल ने समाज में शिक्षा, संस्कृति, प्रगति और संवाद के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “जो समाज अपने छात्रों का सम्मान करता है, वही समाज उन्नति करता है। शिक्षा ही सशक्त समाज की आधारशिला है।” उन्होंने विद्यार्थियों को मेहनत, सामाजिक चेतना और नैतिक मूल्यों से युक्त जीवन की प्रेरणा दी, जिससे उपस्थित सभी श्रोता भावविभोर हो उठे।
इसके पश्चात माँ आशापूर्णा माताजी की महाआरती अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न हुई। आरती में सामूहिक स्वर और भावभंगिमा के साथ भक्ति का संचार स्पष्ट दिखाई दिया। कार्यक्रम के अंत में संपूर्ण समाज के लिए महाप्रसाद का आयोजन किया गया, जो कि इस वर्ष सतीश माणिकचंदजी पालीवाल (जलगांव) की ओर से आयोजित किया गया था। प्रेमपूर्वक परोसे गए स्वादिष्ट भोजन प्रसादी ने सभी के चेहरों पर संतोष और सौहार्द की छाया बिखेरी। इस शुभ अवसर पर लोहारा, नेरी, नांद्रा, चोपड़ा, रोटवड, देवपिंपरी, पाचोरा, वरखेड़ी, जलगांव, पुणे जैसे विभिन्न क्षेत्रों से पधारे पालीवाल समाजजन भारी संख्या में उपस्थित थे। इस आयोजन को सफल बनाने में समाज के सभी भाइयों और बहनों ने तन-मन-धन से सहयोग किया। महोत्सव के दौरान समाज के उत्थान हेतु विविध विषयों पर भी चर्चा हुई – जैसे शिक्षा में नवाचार, सामाजिक सहभागिता, महिलाओं की भागीदारी, पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण और युवा नेतृत्व का सशक्तिकरण। इन चर्चाओं से कई नवप्रयोगों की दिशा तैयार हुई।कुल मिलाकर यह महोत्सव न केवल एक धार्मिक आयोजन था, बल्कि पालीवाल समाज की एकता, सामाजिक चेतना, शिक्षा के प्रति निष्ठा और पारंपरिक मूल्यों का प्रतिबिंब बनकर उभरा। माँ आशापूर्णा की कृपा से समाज इसी प्रकार संस्कारों और विकास की दिशा में आगे बढ़ता रहे – यही सभी की अभिलाषा रही।इस कार्यक्रम की सफलता के पीछे समाज के वरिष्ठों का मार्गदर्शन, युवाओं की संगठनात्मक भूमिका और महिलाओं की उत्साही भागीदारी का अहम योगदान रहा। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर किसी ने इस पर्व का हृदय से आनंद लिया। जय माँ आशापूर्णा!
यह महोत्सव बना समाज, संस्कृति और संस्कारों का जीवंत प्रतीक – लोहारा नवरात्रि महोत्सव 2025

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