पाचोरा – विद्यार्थियों में सृजनशीलता का विकास करना, भाषा की सुंदरता को आत्मसात करना और अभिव्यक्ति के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान करना — इन्हीं उद्देश्यों को लेकर कवयित्री बहिणाबाई चौधरी उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, जलगांव के अंतर्गत कार्यरत भाषा अध्ययन प्रबोधिनी एवं अनुसंधान केंद्र, हिंदी विभाग तथा बैंक ऑफ बड़ौदा के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 21 मार्च 2025 को एक विशेष और प्रतिष्ठित शैक्षणिक एवं साहित्यिक आयोजन ‘राष्ट्रीय हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता’ एवं ‘स्वतंत्र काव्य पाठ प्रतियोगिता’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
इस प्रतियोगिता में संपूर्ण भारत के विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की। इस राष्ट्रीय स्तर के मंच पर श्री. सेठ मुरलीधरजी मानसिंगका साहित्य, विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय, पाचोरा की दो छात्राओं ने अपनी प्रतिभा की चमक दिखाकर महाविद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है।
काव्य पाठ प्रतियोगिता में द्वितीय वर्ष साहित्य वर्ग की छात्रा कु. चेतना रणदीप हिरे ने अत्यंत प्रभावशाली और सृजनात्मक शैली में “उठो द्रौपदी शस्त्र उठा लो” कविता का पाठ किया। इस कविता में केवल शब्द नहीं थे, बल्कि स्त्रीशक्ति की पुकार, न्याय की मांग और सामाजिक परिवर्तन की प्रेरणा समाहित थी। उनके ओजपूर्ण पाठ ने न केवल उपस्थित परीक्षकों को प्रभावित किया, बल्कि श्रोताओं के हृदय को भी गहराई से स्पर्श किया।
उनकी दमदार प्रस्तुति के बल पर उन्होंने राष्ट्रीय काव्य पाठ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया और एम. एम. महाविद्यालय का परचम राष्ट्रीय स्तर पर लहराया। यह कविता केवल प्रस्तुति नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का आह्वान बन गई।
इस प्रतियोगिता की एक और उल्लेखनीय उपलब्धि रही प्रथम वर्ष साहित्य वर्ग की छात्रा कु. सायमा शफी सय्यद की सहभागिता। उन्होंने “एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज” विषय पर अत्यंत विचारोत्तेजक, अनुसंधानपरक और भावनात्मक रूप से समृद्ध निबंध प्रस्तुत किया।
सायमा ने अपने निबंध में भारतीय संस्कृति की समावेशिता, एकता और वैश्विक मूल्यों की तार्किक एवं भावनात्मक व्याख्या की। उनके लेखन में राष्ट्रप्रेम, सांस्कृतिक आत्मगौरव और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा की भावना प्रबल रूप से दिखाई दी।
इस उत्कृष्ट लेखन के लिए उन्हें राष्ट्रीय हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ, जिससे महाविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता और साहित्यिक योगदान को देश स्तर पर मान्यता मिली।
इस उल्लेखनीय उपलब्धि के उपलक्ष्य में महाविद्यालय में एक विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें महाविद्यालय के चेयरमैन माननीय श्री नानासाहेब संजय वाघ तथा उप-चेयरमैन माननीय श्री नानासाहेब वी. टी. जोशी के करकमलों से चेतना हिरे और सायमा सय्यद का शाल, पुष्पगुच्छ, स्मृतिचिन्ह और प्रमाणपत्र देकर सार्वजनिक रूप से सम्मान किया गया।
इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक माननीय भाऊसाहेब दिलीप वाघ, मानद सचिव एडवोकेट माननीय दादासाहेब महेश देशमुख, कनिष्ठ महाविद्यालय प्रबंधन समिति के चेयरमैन प्रो. दादासाहेब सुभाष तोतला, संस्थान के अन्य पदाधिकारी, संचालकगण, प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
इस सफलता पर प्राचार्य डॉ. शिरीष पाटील, उपप्राचार्य डॉ. वासुदेव वले, उपप्राचार्य डॉ. जे. वी. पाटील, डॉ. क्रांति सोनवणे, प्रो. जयश्री वाघ आदि शिक्षकों ने छात्राओं का अभिनंदन किया और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा, “यह उपलब्धि केवल छात्राओं की व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह महाविद्यालय के समर्पित शिक्षण, मार्गदर्शन और छात्रों के सर्वांगीण विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।”
कु. चेतना हिरे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं हमेशा साहित्य के माध्यम से सामाजिक संदेश देने का प्रयास करती रही हूँ। इस प्रतियोगिता ने मुझे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत करने का अवसर दिया — यह मेरे लिए अत्यंत गर्व की बात है।”
कु. सायमा सय्यद ने भी अपनी खुशी प्रकट करते हुए कहा, “मेरे निबंध लेखन का उद्देश्य भारतीय संस्कृति की महानता को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करना था। यह पुरस्कार मेरे शैक्षणिक जीवन की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।”
इस राष्ट्रीय स्तर की सफलता से एम. एम. महाविद्यालय, पाचोरा की शैक्षणिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक पहचान को एक नई ऊंचाई प्राप्त हुई है। छात्राओं की यह प्रेरणादायक उपलब्धि अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुकी है।
शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रहकर यदि सोच, सृजन और सामाजिक योगदान का माध्यम बन जाए — तो यही असली सफलता है। इस अवसर ने इस विचार को प्रत्यक्ष रूप से सिद्ध कर दिया है।
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