चोपडा ( मनिष प्र महाजन भाई कोतवाल रोड Mo. 9766143638 , 098508 65961) महाराष्ट्र राज्य सरकार, भारतीय जैन संगठन और सुहाना स्पाइसेस के संयुक्त उपक्रम के तहत “गादमुक्त बांध, गादयुक्त खेत” और “नाला गहरीकरण और चौड़ीकरण” जैसी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु चोपड़ा तहसील में भारतीय जैन संगठन की ओर से जनजागृति के लिए एक जलरथ का आयोजन किया गया। इस जलरथ का उद्घाटन तहसीलदार भाऊसाहेब थोरात और कृषि अधिकारी दीपक सालुंखे के शुभहस्ते किया गया। इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में किरण पाटिल, जैन संगठन के जिला अध्यक्ष निर्मल बोरा, जिला सचिव एवं जलकार्य प्रमुख दर्शन देशलहरा, तालुका अध्यक्ष गौरव कोचर, उपाध्यक्ष मयंक बरडिया उपस्थित थे। इस कार्यक्रम के दौरान तहसीलदार भाऊसाहेब थोरात और कृषि अधिकारी दीपक सालुंखे को एक विशेष निवेदन सौंपा गया, जिसमें इन योजनाओं की जानकारी गांव-गांव तक पहुँचाने की अपील की गई। जैन संगठन के शिष्टमंडल ने बांधों की गाद निकालने, नालों की सफाई करने और इनसे होने वाले लाभों को किसानों तक पहुँचाने के लिए कार्यवाही की मांग की। तहसीलदार थोरात ने अपने मार्गदर्शन में कहा, “अब भी बहुत से गांवों को इन योजनाओं की जानकारी नहीं है। यह जलरथ उन गांवों में जाकर किसानों को जागरूक करे, यही अपेक्षा है। यह रथ केवल एक वाहन नहीं, बल्कि जलसंवर्धन के प्रति चेतना जागृत करने का सशक्त माध्यम है।” कृषि अधिकारी दीपक सालुंखे ने भी अपने भाषण में कहा, “हमारा विभाग इस योजना के प्रचार-प्रसार में हमेशा सक्रिय रहता है, लेकिन अगर भारतीय जैन संगठन भी अपने स्तर से किसानों तक जानकारी पहुँचाएगा तो और अधिक गांवों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा। हम विभाग की ओर से हरसंभव सहयोग देने को तैयार हैं।” इस योजना का उद्देश्य किसानों को जल स्रोतों के माध्यम से उनकी कृषि भूमि में पानी की उपलब्धता और उर्वरता बढ़ाने में मदद करना है। इस योजना के तहत तालाबों, बांधों, नालों से गाद निकाली जाएगी और इसे किसानों के खेतों में डाला जाएगा। यह गाद प्राकृतिक खाद के रूप में कार्य करेगी जिससे भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होगी। विशेष बात यह है कि यह योजना अल्पभूधारक, विधवा, अपंग और आत्महत्या से पीड़ित किसानों के परिवारों को अनुदान के साथ उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें मशीनरी, ईंधन और परिवहन खर्च पर भी शासन द्वारा सहयोग किया जाएगा।
इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुँचे, इसके लिए भारतीय जैन संगठन ने जलरथ के माध्यम से ठोस प्रचार-प्रसार करने का संकल्प लिया है। गांव-गांव जाकर लोकप्रतिनिधियों, सरपंचों, किसान समूहों और कृषि सेवकों को योजनाओं की जानकारी दी जा रही है और अधिक से अधिक लोगों को आवेदन करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिला प्रशासन के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का समन्वय कर इस योजना को सफल बनाने हेतु शिष्टमंडल ने विभिन्न अधिकारियों से भी चर्चा की है। इस कार्यक्रम में जैन संगठन के वरिष्ठ मार्गदर्शक दीपक राखेचा, विभागीय उपाध्यक्ष लतिश जैन, कार्यकर्ता विपुल छाजेड़, अभय ब्रम्हेचा, शुभम राखेचा उपस्थित रहे। साथ ही प्रचारक महेन्द्र पाटिल और जिला समन्वयक गणेश कोळी की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही। इन सभी के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन अत्यंत सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न हुआ। भारतीय जैन संगठन ने सदैव पर्यावरण और जलसंवर्धन के कार्यों में सक्रिय सहभागिता दिखाई है। स्थायी कृषि के लिए जल नियोजन अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए इस योजना का प्रभावी कार्यान्वयन अत्यंत महत्वपूर्ण है। जलकार्य प्रमुख दर्शन देशलहरा ने कहा कि सरकार की योजना तो है, लेकिन समाज की भागीदारी और जनजागृति ही इस योजना की सफलता की असली कुंजी है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में किसान, ग्रामीण, विद्यार्थी और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। जलरथ के माध्यम से बांधों से गाद निकालना, नालों की सफाई करना और खेतों की उर्वरता बढ़ाने के लिए समाज द्वारा उठाया गया यह कदम पूरे तालुका के लिए एक आदर्श बन रहा है। कृषि के लिए स्थायी जल उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया यह कदम किसानों के जीवन में नवचेतना और समृद्धि लेकर आएगा, ऐसा विश्वास कार्यक्रम में व्यक्त किया गया।
एकात्म जनभागीदारी और पर्यावरणीय विकास की दिशा में अग्रसर यह योजना निश्चित ही जलसंवर्धन का एक प्रेरणादायी उदाहरण बन रही है।
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