हरिद्वार – की पावन धरती पर 28 मई 2025 को गुर्जर समाज के आत्मगौरव और सांस्कृतिक परंपरा का साक्षात उत्सव बड़े ही भव्य और गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। गुर्जर धर्मशाला, हरिद्वार के प्रांगण में नव-निर्मित गुर्जर सम्राट मिहिर भोज सभागार और गुर्जर इतिहास एवं संस्कृति संग्रहालय का लोकार्पण समारोह हजारों गुर्जर बंधुओं की उपस्थिति में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने हेतु देशभर से समाज के प्रतिष्ठित प्रतिनिधि, नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, न्यायविद, अधिकारी, किसान नेता और युवाओं ने सहभागिता निभाई। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री अमित कुमार शिवपुर और श्री प्रवेश गुर्जर ने अत्यंत कुशलता और प्रभावी शैली में किया। कार्यक्रम की भव्यता और समाज की सक्रिय सहभागिता ने यह सिद्ध किया कि गुर्जर समाज आज अपनी ऐतिहासिक विरासत को सहेजते हुए आधुनिक युग में आत्मगौरव के साथ आगे बढ़ रहा है। इस लोकार्पण समारोह में डॉ. यशवीर सिंह (राष्ट्रीय अध्यक्ष, गुर्जर महासभा), अनन्त राम तंवर (राष्ट्रीय अध्यक्ष, गुर्जर समन्वय समिति), सुनीता बैंसला (आईआरएस, पूर्व प्रधान महानिदेशक, आयकर), सुखवीर सिंह जौनापुरिया (पूर्व सांसद), वीरेंद्र सिंह (पूर्व मंत्री), स्वामी यतिश्वरानंद (पूर्व मंत्री), प्रदीप चौधरी (पूर्व सांसद), प्रह्लाद गुंजल (पूर्व विधायक, राजस्थान), नैपाल सिंह कसाना (समाजसेवी), हिम्मत सिंह (किसान नेता, राजस्थान), पूर्व जस्टिस सुनील पंवार (पटना हाईकोर्ट), पूर्व जस्टिस ब्रह्म सिंह वर्मा (नैनीताल हाईकोर्ट), ओंकार सिंह (पूर्व सचिव, उत्तराखंड सरकार), रामशरण (पूर्व आईएएस), राव सुरेन्द्र सिंह तंवर (कैथल), सुरेश राणा, अशोक कुमार हंसापुर, नरेंद्र देढा के साथ-साथ कुरुक्षेत्र धर्मशाला व अन्य गुर्जर धर्मशालाओं के प्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति ने समारोह की महत्ता को और बढ़ा दिया। सभागार का उद्घाटन समारोह समाज की एकता, जागरूकता और संगठनात्मक क्षमता का प्रतीक बना। यह भवन आधुनिक सुविधाओं से युक्त है और भविष्य में समाज के विविध कार्यक्रमों, संगोष्ठियों, सांस्कृतिक आयोजनों तथा विचार विमर्श हेतु एक सशक्त मंच के रूप में कार्य करेगा। इसके साथ ही ‘गुर्जर इतिहास एवं संस्कृति संग्रहालय’ की भव्य स्थापना समाज के इतिहास को एकत्र करने का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है। संग्रहालय में गुर्जर वीरों के चित्र, ऐतिहासिक दस्तावेज, दुर्लभ छायाचित्र, पुरातात्विक प्रमाण, ऐतिहासिक पत्रक और साहित्य का संग्रह बड़ी श्रद्धा और मेहनत से प्रस्तुत किया गया है। इस संग्रहालय में मिहिर भोज, बप्पा रावल, नागभट्ट प्रथम जैसे गुर्जर इतिहास के महान सम्राटों के चित्रों, शिलालेखों, लेखों और जीवन वृतांत को सुंदर रूप से प्रदर्शित किया गया है। समाज के सभी प्रतिनिधियों और आम नागरिकों ने इस संग्रह को देखकर गर्व की अनुभूति की और इसे नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताया।इस लोकार्पण समारोह के अंतर्गत स्वर्गीय किरोड़ी सिंह बैंसला की स्मृति में रचित एक प्रेरणादायी पुस्तक का विमोचन भी मान्यवरों के करकमलों से संपन्न हुआ। यह पुस्तक समाज के लिए उनके संघर्ष, समर्पण और नेतृत्व क्षमता को उजागर करती है। इसके अतिरिक्त, गुर्जर समाज के ऐतिहासिक योगदान पर आधारित एक और शोधपूर्ण पुस्तक का विमोचन भी किया गया, जिसमें गुर्जरों की गौरवशाली गाथाओं को संकलित किया गया है। इसी अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और महान क्रांतिकारी विजय सिंह पथिक को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वक्ताओं ने उनके विचारों, देशप्रेम और सामाजिक संघर्ष का स्मरण करते हुए उन्हें गुर्जर समाज का प्रेरणास्रोत बताया। इस आयोजन की विशेष बात यह रही कि इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र जैसे विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में समाजबंधु उपस्थित हुए। विशेषकर कुरुक्षेत्र धर्मशाला और अन्य गुर्जर भवनों के प्रतिनिधियों ने समाज के साथ जुड़कर अपने सहयोग की भावना प्रकट की। हरियाणा और राजस्थान से आए किसान प्रतिनिधियों ने भी समाज की एकजुटता पर प्रकाश डाला और कहा कि हमारा इतिहास ही हमारी ताकत है। इस समारोह में वक्ताओं ने समाज की वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा पर भी गंभीरता से विचार रखे। उन्होंने बताया कि आज का युग ज्ञान, संगठन और आत्मगौरव का है। ऐसे समय में समाज को शिक्षा, रोजगार, राजनीतिक भागीदारी, और सामाजिक चेतना के माध्यम से सशक्त बनाना आवश्यक है। युवाओं से विशेष रूप से आग्रह किया गया कि वे अपने इतिहास को जानें, संगठन से जुड़ें, और समाज की मुख्यधारा में नेतृत्व की भूमिका निभाएं।मान्यवर अतिथियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि समाज को प्रगति करनी है तो उसे अपने अतीत से प्रेरणा लेकर वर्तमान को दृढ़ बनाना होगा। सभागार और संग्रहालय जैसे संस्थान समाज को नई दिशा देने का कार्य करेंगे। यह स्थान न केवल इतिहास का दस्तावेज होगा बल्कि यह युवाओं को दिशा देने वाला विचार केंद्र भी बनेगा।समारोह की समाप्ति पर आयोजक राहुल बैंसला (हरिद्वार) ने मंच से उपस्थित सभी अतिथियों, समाजबंधुओं, पत्रकारगण, आयोजक मंडल और स्वयंसेवकों का हार्दिक धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस सफलता का श्रेय सम्पूर्ण गुर्जर समाज को जाता है, जिनकी निष्ठा, सहयोग और संगठन भावना के कारण यह भव्य आयोजन संभव हुआ। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में भी समाज के गौरव को बढ़ाने वाले ऐसे आयोजन किए जाते रहेंगे।यह ऐतिहासिक दिन न केवल हरिद्वार के इतिहास में बल्कि समस्त गुर्जर समाज के गौरवशाली इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। यह समारोह एक संदेश है कि जब समाज एकजुट होता है, तब इतिहास रचता है।
ध्येय न्यूज चॅनेलच्या बातम्या मिळवण्यासाठी येथे क्लिक करून आमचा व्हाट्सअप ग्रुप जॉईन करा.